
लखनऊ – बाल विभाग एवं पुष्टाहार विभाग में 2003 में संविदा
पर हुई भर्ती घोटाले में अब जाकर आरोपिओं पर करवाई की तैयारी है |
विभाग की नवनियुक्त निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने इस
मामले में नियुक्ति संबधी फाइल सतर्कता विभाग को 20 साल बाद
भी उपलब्ध न करने वाले लिपिकों के खिलाफ इफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है |
इस मामले में जल्द ही कई लिपिकों पर गाज गिर सकती है |
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विभाग में 2003 में 63 सीडीपीओं और 353 मुख्य सेविका
और 294 पदों पर चपरासियों की संविदा पर नियुक्त हुई थी |
नियुक्ती में अनियमितता की शिकायत पर शासन ने जाच
कराइ तो प्रारंभिक रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टी हुई |
रिपोर्ट में आरक्षण व्यवस्था व भर्ती प्रक्रिया में नियमो की अनदेखी सामने आई थी |
लिहाजा शाशन ने इस मामले की जाच सतकर्ता अधिष्ठान से करने की संस्तुति की थी |
तभी से गृह विभाग बाल विकास सेवा एव पुष्टाहार विभाग से नियुक्ति संबंधी
पत्रावली उपलब्ध करने के लिए 12 से अधिक बार पत्र लिख चूका है |
लेकिन अब तक निदेसलय ने पत्रावलिय उपलब्ध नहीं कराइ |
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निदेशालय के कुछ अदिकारी और बाबू इससे संबंधित फाइल को दबाये रहे |
2003 से लेकर अब तक आधा दर्जुन से अधिक निदेसक आए-गए,
लेकिन किसी ने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया |
सतर्कता अधिष्ठान भी फाईलो ले लिए आइसीदीएस निदेशालय को 11 बार पत्र लिख चूका है |
11वे पत्र के बाद 17 दिसंबर 2019 में जवाब आया की नियुक्ति से संबंधी एक
भी अभिलेख निदेशालय में मौजूद नहीं है यानी सभी फाइले गायब हो गई |
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