
नई दिल्ली: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार से नागपुर में शुरू हो रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर दोनों टीमें कमर कस चुकी हैं। पहले मैच में कई खिलाड़ी टेस्ट डेब्यू के लिए तैयार होंगे। इनमें सूर्यकुमार यादव, केएस भरत और ईशान किशन का नाम शामिल है। सूर्या ने अपने बेहतरीन स्किल से टी-20 क्रिकेट में तबाही मचाई है। ऐसे में ये चर्चा तेज हो गई है कि मिडल ऑर्डर को मजबूत बनाने के लिए सूर्या का डेब्यू कराया जा सकता है। इस बीच दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने बड़ा बयान दिया है।
सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में कहा- टेस्ट क्रिकेट वास्तव में एक अलग गेंद का खेल है, लेकिन सूर्यकुमार यादव अपने अद्भुत स्किल-सेट और लीक से हटकर सोचने की क्षमता के साथ पारंपरिक प्रारूप खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। तेंदुलकर ने इंटरव्यू में स्पिनरों के खिलाफ स्वीप शॉट, रविचंद्रन अश्विन की प्रतिभा और चेतेश्वर पुजारा के महत्व के बारे में बात की।
वींद्र जडेजा नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने के लिए अच्छे
तेंदुलकर का मानना है कि रवींद्र जडेजा टेस्ट में छठे नंबर पर नियमित रूप से बल्लेबाजी कर सकते हैं। उन्होंने कहा- जडेजा एक पैकेज के तौर पर जबरदस्त हैं। उसने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया है और मेरे लिए वह नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने के लिए काफी अच्छा है। उसने भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। गेंदबाजी में भी उन्होंने हाल ही में एक प्रथम श्रेणी मैच खेला और सात विकेट लिए।
पिच पर दिया ये बयान
विभिन्न प्रकार की पिचों की चुनौती से निपटना इंटरनेशनल क्रिकेटर की खूबी है। तेंदुलकर को लगता है कि जब कोई टीम भारत आती है, तो उन्हें अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि पिचों पर टर्न मिलेगा। उन्होंने कहा- जब आप एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनते हैं, तो आपको दुनिया में किसी भी तरह की पिच पर खेलना होता है। ये टूर की चुनौतियां हैं। जब हम ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो हमें वहां टर्नर की उम्मीद नहीं होती। हम जानते हैं कि पिच की प्रकृति थोड़ी उछाल वाली होगी और इसमें अधिक गति होगी। उन्होंने कहा, ‘जब ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत में होती है तो यही स्थिति होती है। वे जानते हैं कि टर्न होगा। वे उसके लिए तैयार हैं। उन्होंने इसके लिए अभ्यास किया है।
वार्न बनाम तेंदुलकर
उन्होंने कहा- विश्व क्रिकेट को इस तरह की प्रतिद्वंद्विता की जरूरत है। याद रखें कि 1998 में जब ऑस्ट्रेलिया आया था, तो इसे वार्न बनाम तेंदुलकर कहा गया था और मुझे सभी को याद दिलाना था कि यह वार्न बनाम तेंदुलकर नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत है। हर कोई इस तरह की प्रतिद्वंद्विता देखना पसंद करता है। तेंदुलकर ने पुजारा के बारे में कहा, “उन्होंने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया है और भारतीय क्रिकेट टीम को जो भी सफलता मिली है, उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है।
अश्विन दिलाएंगे सफलता
तेंदुलकर ने कहा- परंपरागत विचार बताता है कि गेंद पुरानी होने पर स्पिनर खेल में आएंगे, लेकिन रविचंद्रन अश्विन के मामले में सुबह की हवा और सतह में कुछ नमी उन्हें पहले ही घंटे में खेल में ला सकती है। अश्विन एक विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं और वह कई वर्षों से शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके पास जो विविधता है। वह चीजों को आजमाने से नहीं डरते। उन्हें माइंड गेम खेलना पसंद हैं। तेंदुलकर ने कहा कि रिवर्स स्विंग भी अहम होगी। उन्होंने कहा, हर सुबह के पहले घंटे में तेज गेंदबाज खेल में आएंगे। “मुझे याद है कि मैंने नागपुर में एक मैच खेला था जहां सुबह के सत्र में स्पिनरों का दबदबा था। बल्लेबाजों के लिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया था कि कौन सा टर्न लेगा और कौन सीधा आएगा। इस श्रृंखला में रिवर्स चलन में आ जाएगा।”